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Hindi Grammar - हिन्दी व्याकरण
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व्याकरण वह शास्त्र है जो भाषा के शुद्ध स्वरूप का ज्ञान कराता है । व्याकरण यह भी बताता है कि भाषा को किस प्रकार व्यवहार में लाना चाहिए । व्याकरण के अभाव में किसी भी भाषा का शुद्ध प्रयोग नहीं किया जा सकता ।
व्याकरण के तीन मुख्य अंग :
- वर्ण विचार (Phonology) : इसके अंतर्गत वर्णों से संबन्धित अध्ययन किया जाता है ।
- शब्द विचार (Morphology) : इसके अंतर्गत शब्दों से संबन्धित अध्ययन किया जाता है ।
- वाक्य विचार (Syntax) : इसके अंतर्गत वाक्य संबंधी अध्ययन किया जाता है ।
हिन्दी भाषा का विकास :
हिंदी शब्द संस्कृत, प्राकृत, आधुनिक भारतीय भाषाओं के किसी भी प्राचीन ग्रंथ में देखने को नहीं मिलता । जब फारसी भाषी सिंधु घाटी के निवासियों के संपर्क में आए तो उन्होंने सिन्धु शब्द को हिंदू और सिंधी शब्द को हिंदी कह कर पुकारा । इसका कारण यह था कि फारसी भाषा में संस्कृत की 'स' ध्वनि 'ह' हो जाती है। इस प्रकार हिंदी शब्द का जन्म हुआ। इसका अर्थ एक प्रदेश विशेष के निवासियों व उनकी भाषा से किया जाने लगा। वर्तमान समय में हिंदी शब्द का अर्थ हिंदुस्तान या भारत में रहने वाला अथवा भारत से संबंध रखने वाला और एक भाषा विशेष के रूप में किया जाता है। हिंदी भारत के एक बहुत बड़े भूभाग में बोली जाती है और लगभग संपूर्ण भारत में समझी जाती है।
वैसे तो वर्तमान खड़ी बोली को ही हिंदी का रूप दिया जाता है, परंतु वास्तव में उत्तर भारत में प्रचलित बृज, मैथिली, बुंदेली, कन्नौजी, छत्तीसगढ़ी, मारवाड़ी आदि भी हिंदी की परिधि में आती है। खड़ी बोली तो हिंदी का उत्कृष्टतम रूप है। जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है।
हिंदी भाषा में संस्कृत, अरबी, फारसी एवं अंग्रेजी के शब्द देखने को मिलते हैं.। परंतु इसमें संस्कृत के शब्दों की ही बहुलता है। इस प्रकार संस्कृत को हम हिंदी भाषा की जननी कह सकते हैं। शब्दों के साथ-साथ संस्कृत के उपसर्ग, प्रत्यय, समास व संधि आदि के नियमों को भी हिंदी ने अपनाया है। हिंदी के शब्दों का तत्सम रूप भी संस्कृत के शब्द ही है।
हिंदी की लिपि :
भाषा विशेष को लिखने के चिन्हों को संयुक्त रूप से लिपि कहते हैं । मौखिक ध्वनियों को लिखकर प्रकट करने के लिए कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है । ये चिन्ह प्रत्येक भाषा के लिए अलग होते हैं ।संस्कृत की भांति हिंदी की लिपि देवनागरी है। संसार की प्रचलित लिपियों में यह लिपि सबसे अधिक विज्ञान सम्मत है।
कुछ स्मरणीय बातें :
हिंदी की लिपि :
भाषा विशेष को लिखने के चिन्हों को संयुक्त रूप से लिपि कहते हैं । मौखिक ध्वनियों को लिखकर प्रकट करने के लिए कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है । ये चिन्ह प्रत्येक भाषा के लिए अलग होते हैं ।संस्कृत की भांति हिंदी की लिपि देवनागरी है। संसार की प्रचलित लिपियों में यह लिपि सबसे अधिक विज्ञान सम्मत है।
कुछ स्मरणीय बातें :
- हिन्दी भारत कि राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क भाषा हैं ।
- हिन्दी कि लिपि देवनागरी भारत की राष्ट्र लिपि है ।
- चौदह सितंबर उन्नीस सौ उननचास (14 सितंबर 1949) को भारतीय सविधान द्वारा हिन्दी को राजभाषा व राष्ट्रभाषा का गौरव प्रदान किया गया ।
- प्रतिवर्ष चौदह सितंबर (14 सितंबर ) को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
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