![]() |
क्रिया किसे कहते हैं |
जिस शब्द से किसी कार्य का करना या होना समझा जाए , उसे क्रिया कहते है । जैसे वह पढ़ता है । सीता लिखती है। क्रिया वे शब्द (पद ) हैं, जिनसे किसी कार्य के होने या किए जाने का, किसी घटना या प्रक्रिया के घटित होने का या किसी वस्तु या व्यक्ति की अवस्था या स्थिति का बोध होता है ।
रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद :
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. नामधातु क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया
कर्म के अनुसार क्रिया के दो भेद हैं
1. सकर्मक क्रिया :–
जहां पर क्रिया के व्यापार का फल कर्म पर पड़े उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं |
जैसे – वह पुस्तक पढ़ता हैं।
यहाँ पढ़ने का फल पुस्तक पर पड़ रहा है। जैसे – खाना देना, पीना, देखना, काटना, करना, धोना, लिखना, बोलना
2. अकर्मक क्रिया :–
जहाँ पर क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर पड़े, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे –
a) मुकेश सोता हैं,
b) सीता रोती है।
यहां सोने, रोने का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है । इन वाक्यों में क्रम नहीं होता जैसे – सोना, चलना, रोना, उठना, खुलना, जाना, हँसना
रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद :
0 टिप्पणियाँ