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Best Kargil Vijay Diwas quotes in Hindi/कारगिल विजय दिवस पर सुविचार/Best Kargil Vijay Diwas quotes, suvichar, status in Hindi with images. |
Best Kargil Vijay Diwas quotes in Hindi
Best Kargil Vijay Diwas quotes,
suvichar, status in Hindi with images.
26 जुलाई को प्रत्येक वर्ष
भारतीय, कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन
26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के जांबाज
सिपाहियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ बलिदान देकर विपरीत परिस्थितियों में भी अपने देश
की रक्षा की थी। उनके अदम्य साहस और बलिदान को याद करते हुए विजय दिवस मनाया जाता
है।
आज उन वीर सेनानियों, भारत मां के सपूतों को यह लेख
समर्पित करते हुए हम सुविचार और उनके अनमोल वचनों को संकलित कर रहे हैं।
Kargil Vijay Diwas quotes in
Hindi – कारगिल
विजय दिवस पर सुविचार
1
लाख
घुस आए भेड़िए झुंड में पर
शेर की दहाड़ हमेशा भारी पड़ती है। ।
2
झंडे की आन बान और शान में
कोई गुस्ताखी करें यह हमें बर्दाश्त नहीं। ।
3
तिरंगा ऊंचा लहराने की उन रणबांकुरे ने ठानी थी
प्राण देकर भी तिरंगा लहरा आए, वह भी क्या जवानी
थी। ।
4
लहू देकर भी जो तिरंगे की शान में
चार चांद लगाते हैं
वही वीर तो भारतीय जांबाज कहलाते हैं। ।
5
धन्य
होगी वह मां जिसके पहुंचे थे वहां। ।
6
भाई
बनकर वह पीठ पर वार करता रहा है
बड़ा
भाई बनकर भारत सदैव समझाता रहा है।
7
हम
भारतवासी ना कभी भूले हैं और ना भूलेंगे
तेरी
उस बहादुरी को
जो
हमें सुख से सोने के लिए
अपने
प्राणों की बाजी खेल गए हो। ।
Kargil Vijay Diwas quotes and
suvichar in Hindi
8
देश ही
क्या विश्व भी तुम्हारी जिंदादिली की प्रशंसा करता है
जो
सियाचिन की चोटी पर चढ़कर भी दुश्मनों से लोहा लेता है। ।
9
औकात
नहीं थी कि सामने से वार कर सके
इसलिए छुप कर गोली चलाना ही तुम्हें अच्छा लगा।
10
कारगिल को कब्जा कर बैठे थे
उन्हें क्या मालूम था भारतीय जवानों के
हौसले कारगिल से भी ऊंचे है । ।
11
यह दिल मांगे मोर (विक्रम बत्रा)
12
चाहता हूं मातृभूमि तुझे मैं कुछ और भी दूं
उठे जो आंख तेरी और उन्हें नोच भी लूं। ।
13
भाईचारे का स्वांग रचा कर
क्या शान दिखाते हो
हिम्मत हो तो सामने आओ
क्यों पीठ दिखाते हो। ।
14
तुम्हारी हर गोली के जवाब में, बोफोर्स का गोला
दागेंगे
पीठ पर खंजर का जवाब, सीने पर गोली मार के देंगे।
15
तुम्हारी ऊंचाई कारगिल सी थी
हमारी ऊंचाई आसमान की सी। ।
16
तिरंगे की शान में जो तुमने की थी गुस्ताखी
पाठ ऐसा पढ़ाया कि अब याद रखेगी तुम्हारी काकी। ।
17
जिस जन्नत पर तुमने आंख जमाई थी
उसे जन्नत ने जहन्नुम भेंट की।
18
आए थे जितनी बहादुरी से युद्ध को जीतने
खाई ऐसी मुंह की, कि कोई देश बचा न सका। ।
19
खाते रहे सीने पर गोलियां
जुबान से निकलती रही
हर हर महादेव की बोलियां। ।
20
सो रहे हैं हम सुकून से कि वह सरहद पर जाग रहे होंगे
उन वीरों के बच्चे भी तो उन्हें याद कर रहे होंगे। ।
निष्कर्ष
उपरोक्त
अनमोल वचन को पढ़कर स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना किस प्रकार अदम्य साहस रखती है।
वह अपने देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तत्पर रहती है।
कारगिल
की ऊंची चोटी पर बैठकर दुश्मन की सेना ने खुद को ऊंचा समझ लिया था। जांबाज
सिपाहियों के प्रतिउत्तर से उन्होंने जान लिया था कि भारतीय सेना का साहस कि बड़े
से बड़े कारगिल से भी ऊंचा है।
भारतीय
सेना ने इस युद्ध में जो अदम्य साहस और विजय की मिसाल पेश की उसकी पूरी दुनिया
कायल है। दुश्मन की सेना ने ऐसा खेल रचा था कि किसी भी देश की सेना उसके आगे जीत
नहीं सकती थी। किंतु भारतीय सेना ने रणनीति के तहत उन्हें ना सिर्फ सबक सिखाया
बल्कि उनके मनोबल को ऐसा चूर-चूर किया कि वह भविष्य में कभी भी आंख उठाने से पहले
सोचेंगे।
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