![]() |
Rajbhasha sambandhi savindhhanik pravdhaan/राजभाषा संबंधी सवैंधानिक प्रावधान |
राजभाषा :- संविधान द्वारा जिस भाषा को प्रशासनिक कार्य की भाषा घोषित कर दिया जाता है, उसे राजभाषा कहते हैं ।
हिंदी को राजभाषा बनाने की मांग सर्वप्रथम ‘श्री गोपाल स्वामी आयंगर’ ने ‘संविधान निर्मात्री सभा’ के सामने 14 सितंबर 1949 को रखी और सभा द्वारा पूर्ण बहुमत से इसे स्वीकार कर लिया गया ।
हिंदी दिवस:- सर्वप्रथम ‘राष्ट्रीय हिंदी प्रचार समिति वर्धा’ द्वारा 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की मांग रखी गई और प्रथम हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 ई. में मनाया गया।
राजभाषा से संबंधित अनुसूचियां एवं अनुच्छेद
भारतीय संविधान में आठवीं अनुसूची एवं निम्नलिखित 11 अनुच्छेद राजभाषा से संबंधित है ।
अनुच्छेद 120 (भाग-5):- इसमें संसद में बोली जाने
वाली भाषा का प्रावधान है । इसमें तीन बातें प्रमुख हैं ।
(1) संसद का प्रत्येक सदस्य बैठकों में हिंदी में विचार प्रस्तुत करें । (2) आगामी 15 वर्षों तक (1965 तक) अंग्रेजी बोलने की छूट ।
(3) लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष चाहे तो किसी सदस्य को मातृभाषा में विचार रखने की अनुमति दे सकते हैं।
अनुच्छेद 343 (भाग-17)
यह अनुच्छेद राजभाषा
से संबंधित हैं।
(1) भारत की राजभाषा
हिंदी होगी।
(2) हिंदी की लिपि देवनागरी होगी।
(3) अंकों का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय मानक वाला होगा।
अनुच्छेद 344 (भाग 17)
·
यह अनुच्छेद राजभाषा आयोग एवं राजभाषा समिति के गठन से
संबंधित है।
·
इस अनुच्छेद के अंतर्गत भारत में केवल एक बार ‘राज्य
भाषा आयोग’ का गठन 1955 ई. में हुआ। इसमें 21 सदस्य शामिल थे। आयोग के अध्यक्ष ‘बाल गंगाधर खेर’ थे। इसकी समीक्षा के लिए 1957 में ‘गोविंद बल्लभ पंत’ की अध्यक्षता में ‘संयुक्त संसदीय राजभाषा
समिति’ का गठन किया गया।
·
इसमें 30 सदस्य थे। (20 लोकसभा से तथा 10 राज्यसभा
के)
·
इनकी सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति महोदय ने दो स्थाई आयोगों की स्थापना की।
(1)
राजभाषा विधि आयोग (1961 ई.)
(2) वैज्ञानिक एवं
तकनीकी शब्दावली आयोग (1961 ई.)
अनुच्छेद 353 (भाग-17)
यह अनुच्छेद राज्यों की राजभाषा से संबंधित है।
अनुच्छेद 346 (भाग-17)
इस अनुच्छेद में संपर्क भाषा का प्रावधान है।
अनुच्छेद 347 (भाग-17)
इस अनुच्छेद में मान्यता प्राप्त भाषाओं का प्रावधान है।
अनुच्छेद 348 (भाग-17)
इस अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को संबंधित निर्णय हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में देना होगा। विवाद होने पर अंग्रेजी रूपांतरण मान्य होगा।
अनुच्छेद 349 (भाग-17)
भाषा संबंधी नियम
अनुच्छेद 350 (भाग-17)
इस अनुच्छेद में भाषाई अल्पसंख्यको से संबंधित प्रावधान हैं।
अनुच्छेद 351 (भाग-17)
इस अनुच्छेद में हिंदी के विकास से संबंधित निर्देश है। इस अनुच्छेद में यह स्पष्ट निर्देश है कि-
“संघ का यह कर्तव्य
होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाएं, उसका विकास करें, ताकि वह भारत की सामासिक
संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके तथा उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप
किए बिना हिंदुस्तानी के और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भारतीय
भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए तथा जहां आवश्यक या
वांछनीय हो वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यत: संस्कृत से तथा गौणत: अन्य भाषाओं
से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृधि सुनिश्चित करें”।
संविधान की इसी भावना और विशेष निर्देशों के अनुपालन
हेतु केंद्रीय हिंदी निदेशालय का जन्म हुआ।
0 टिप्पणियाँ