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Ahmednagar ka kila class 8 Bharat ki khoj |
Ahmednagar ka kila class 8 Bharat ki khoj | अहमदनगर का किला | भारत की खोज
Ahmednagar ka kila class 8 Bharat ki khoj
अहमदनगर किला पाठ के शब्दार्थ
- दूज- शुक्ल पक्ष का दूसरे दिन का चांद।
- स्थाई- पक्का।
- सहचर- साथी।
- बागवानी- बाग बगीचे लगाना।
- अवशेष- बचे हुए पदार्थ।
- दुरभिसंधिया- दुश्मनों या गलत इरादों द्वारा की गई संधि।
- कुदाल- फावड़ा।
- पैगंबर- ईश्वर का दूत।
- अख्तियार- अधिकार।
- अभिभूत- मुग्ध।
- दम घोटू- सांस रोकने वाली।
- यंत्रणा- प्रताड़ना।
- अरसे- काफी समय से।
- जटिलता- कठिनता।
अहमदनगर किला पाठ के प्रश्नोत्तर : Ahmednagar ka kila class 8 Bharat ki khoj
प्रश्न 1. 'अहमदनगर का किला' पाठ कब कहां और किसके द्वारा लिखा गया?
उत्तर- अहमदनगर का किला पाठ अहमदनगर किले में बंदी रूप में रह रहे जवाहरलाल नेहरू द्वारा 13 अप्रैल 1944 को लिखा गया।
प्रश्न 2. नेहरू जी कितनी बार जेल यात्रा कर चुके थे?
उत्तर- स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु यह नेहरू जी की नवमी जेल यात्रा थी।
प्रश्न 3. अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया?
उत्तर- अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया । क्योंकि वह खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली जमीन को भी उपजाऊ बना डाला।
प्रश्न 4. अहमदनगर किले के साथ कौन सी घटना जुड़ी हुई है?
उत्तर- अहमदनगर किले के साथ साहसिक चांद बीवी की घटना जुड़ी हुई है जिसने अकबर की सारी सेना के विरुद्ध हाथ में तलवार उठा कर अपनी सेना का नेतृत्व किया, लेकिन बाद में उसके अपने ही एक आदमी ने उसकी हत्या कर दी।
प्रश्न 5. जवाहरलाल नेहरू अपनी लेखनी से क्या लिखना चाहते थे?
उत्तर- जवाहरलाल नेहरू अपनी लेखनी से भारत के इतिहास पर प्रकाश डालना चाहते थे।
प्रश्न 6. नेहरू जी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई?
उत्तर- भारतीयों में राष्ट्रप्रेम जागृत करने हेतु।
प्रश्न 7. 'अतीत का दबाव' के बारे में नेहरू जी ने क्या कहना चाहा?
उत्तर- नेहरू जी का मानना था कि मनुष्य का अतीत अच्छा हो या बुरा दोनों ही रूपों में प्रभावित करता है। यदि अतीत बहुत प्राचीन और कम श्रेष्ठ हो लेकिन किसी कारणवश वर्तमान परिस्थितियाँ संतोषजनक हो जाएँ तो सहन करना बहुत मुश्किल होता है। जैसे- इस समय भारत और चीन।
प्रश्न 8. नेहरू जी की दृष्टि में विरासत के क्या मायने थे?
उत्तर- नेहरू जी की दृष्टि में विरासत के मायने वे मूल्य थे जिन्हें हम अपने पूर्वजों द्वारा हजारों वर्षों में प्राप्त करते हैं। यही विरासत हमारे भविष्य का मार्गदर्शन करती है। हमारी संस्कृति हमारी सबसे बड़ी विरासत है।
जय हिन्द
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