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नाटक और एकांकी में अंतर /नाटक किसे कहते हैं/एकांकी किसे कहते हैं |
नाटक और एकांकी में
अंतर
नाटक किसे कहते हैं:-
नाटक ‘दृश्य-काव्य’ कहलाता है। इसमें कई पात्र
अपने-अपने किरदार के अनुसार अभिनय करते हैं। इसमें एक कथानक होता है। जिसे नाटक के
सभी पात्र मिलकर अपने अभिनय और देह-भाषा से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।
एकांकी किसे कहते हैं:-
एक अंक वाले नाटक को
एकांकी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे ‘वन एक्ट प्ले’ भी कहते हैं। इसमें किसी एक घटना या जीवन के किसी
एक भाग पर विशेष बल दिया जाता हैं। इसमें अभिनय की गति तीव्र होती है।
नाटक और एकांकी में अंतर :-
नाटक |
एकांकी |
नाटक में कई अंक होते है। |
एकांकी में केवल एक अंक होता हैं। |
नाटक में पात्रों की संख्या अधिक होती है। |
एकांकी में पात्रों की संख्या सिमित होती है। |
नाटक में मुख्य कथा के साथ गौण व सहायक कथाएं भी होती
हैं। |
एकांकी में सिर्फ एक ही कथा होती हैं। |
नाटक में किसी भी पात्र का क्रमिक विकास दिखाया जाता है। |
एकांकी में कोई भी चरित्र विकसित दिखाया जाता हैं। |
नाटक में कथा की विकास प्रक्रिया धीमी होती है। |
एकांकी में कथा की विकास प्रक्रिया तीव्र होती है। |
नाटक के कथानक में फैलाव और विस्तार होता है। |
एकांकी में कथानक का विस्तार नहीं होता बल्कि घनत्व होता
है। |
नाटक में कहानी और पात्र बढ़ा सकते हैं। |
एकांकी में कहानी और पात्र नहीं बढ़ा सकते। |
प्रसिद्ध नाटककार और उनके नाटक
नाटककार |
नाटक |
भारतेंदु हरिश्चंद्र |
अंधेर नगरी, भारत दुर्दशा, नीलदेवी, वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति। |
जयशंकर प्रसाद |
स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, चन्द्रगुप्त |
मोहन राकेश |
आधे-अधूरे, आषाढ का एक दिन |
धर्मवीर भारती |
अँधा युग |
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना |
बकरी |
स्वदेश दीपक |
कोर्ट मार्शल |
भीष्म साहनी |
कबीरा खड़ा बाज़ार में |
आशा है कि आपको नाटक और एकांकी में भेद समझ में आ गया होगा।
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