स्वदेशी गीत : देश प्रेम का भाव जगाने | Swadeshi Geet Desh Prem ka bhaav jaganey

स्वदेशी गीत : देश प्रेम का भाव जगाने  | Swadeshi Geet Desh Prem ka bhaav jaganey
स्वदेशी गीत : देश प्रेम का भाव जगाने  | Swadeshi Geet Desh Prem ka bhaav jaganey


स्वदेशी  गीत


देश प्रेम का भाव जगाने
देश प्रेम का भाव जगाने,
ग्राम नगर अभियान चले।
लिए स्वदेशी मंत्र आज फिर, 
बालक वृद्ध जवान चले।।


आज विदेशी कंपनियाँ फिर
भरत भूमि आईं हैं।
भारती की प्रभुसत्ता पर
अधिकार जमाने आईं हैं।
डालर के बल पर स्वदेश में
उद्योग लगाने आयीं हैं।
जाग उठो हे भारत वासी,
आजादी का गान चले।।
लिए स्वदेशी मंत्र आज फिर,
बालक वृद्ध जवान चले।।1।।


करें प्रतिज्ञा भारत वासी
वस्तु स्वदेशी लेंगे हम।
अपना पैसा अपने घर में
देश समृद्ध बनायें हम।।
माटी से सोना उपजाएँ
जाल विदेश काटें हम।
स्वाभिमान का भाव जगाने
ग्राम नगर अभियान चले।।
लिए स्वदेशी मंत्र आज फिर
बालक वृद्ध जवान चले।।2।।


ग्राम-ग्राम उद्योग लगायें,
हस्तकला सरसायें हम।
भरे रहें भण्डार सभी के,
अधिक अन्न उपजाएँ हम।।
घर दीप जले लक्ष्मी के,
गीत खुशी से गायें हम।
भारत भू का भाग जगाने,
स्वदेशी की तान चले।।
लिए स्वदेशी मंत्र आज फिर,
बालक वृद्ध जवान चले।।3।।

अपने पैरों आज खड़े हो,
भीख नहीं हम माँगेंगे।
कठिन परिश्रम करके हम सब,
आगे कदम बढ़ायेंगे।।
चरण चूमने मंजिल आये,
समृद्धि का सोपान चले,
लिए स्वदेशी मंत्र आज फिर, 
बालक वृद्ध जवान चले।।4।।

मोहन खंडेलवाल मुकुल

 

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