Rahim ke Dohe Class 7– रहीम के दोहे अर्थ सहित कक्षा 7/Rahim ke Dohe

Rahim ke Dohe Class 7– रहीम के दोहे अर्थ सहित कक्षा 7/Rahim ke Dohe


Rahim ke Dohe Class 7 – रहीम के दोहे अर्थ सहित कक्षा 7


Rahim ke Dohe Class 7 : दोस्तों आज हम रहीम के दोहे अर्थ सहित कक्षा 7 के लिए पढने जा रहें है। 

रहीम दास जी मध्यकालीन के महान कवि थेउनको अवधी, ब्रज, अरबी, फ़ारसी, तुर्की, और हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान था। रहीम दास जी का जन्म 17 दिसम्बर 1556 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था।

वह बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न व्यक्तित्व के धनी थे। उनका नाम आज पुरे विश्व में आदर के साथ लिया जाता है। उनके लिखे गए दोहे, कविता इत्यादि को आज स्कूलों में ज्ञान को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

अक्सर रहीम दास जी के लिखये गए दोहों का अर्थ विद्यार्थी और ज्ञान पाने की जिज्ञासा रखने वाले लोग रहते है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने उनकी सहायता के लिए रहीम के दोहे अर्थ और शब्दार्थ सहित कक्षा 7 लिखे है, आप को अच्छे लगे तो अपने दोस्तों से शेयर करना ना भूले।

Rahim ke Dohe Class 7 – रहीम के दोहे अर्थ

1. कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ।।1।।

प्रसंग:- रहीम दास जी के दोहे के माध्यम से सच्चे मित्र की परिभाषा को बताया है।

व्याख्या:- रहीम दास जी कहते है कि जब हमारे पास संपत्ति होती है तो लोग अपने आप हमारे सगे, रिश्तेदार और मित्र बनने की प्रयास करते है लेकिन सच्चे मित्र वो ही होते है, जो विपत्ति या विपदा आने पर भी हमारे साथ बने रहते है। वही हमारे सच्चे मित्र होते है उनका साथ हमें कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

शब्दार्थ:- कहि  कहनासंपति  धनसगे  रिश्तेदार (अपने)बनत  बनते है, रीत  तरीकाबिपति  संकट (कठिनाई)कसौटी जे कसे  बुरे समय में जो साथ मेंतेई  वे हीसाँचे  सच्चेमीत  मित्र (अपने)।

 

2. जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ।।2।।

प्रसंग:- इस दोहे में रहीम दास जी ने जल के प्रति मछली के एक तरफा प्रेम को दर्शाया है।

व्याख्या:- रहीम दास जी कहते है कि जब मछली पकड़ने के लिए जल में जाल डाला जाता है तो जल बहकर बाहर निकल जाता है। वह मछली के प्रति अपना मोह त्याग देता है लेकिन मछली का प्रेम जल के प्रति इतना अधिक होता है कि वो जल से अलग होते ही अपने प्राण त्याग देती है, यही सच्चा प्रेम है।

शब्दार्थ:- परे  पड़ने परजल  पानीजात- जाताबहि  बहनातजि  छोड़नामीनन  मछलियाँमोह  लगाव, मछरी मछलीनीर  जलतऊ  तब भी नहींछाँड़ति  छोड़तीछोह- प्रेम (प्यार)।

 

3. तरूवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान ।।3।।

प्रसंग:- हीम दास जी ने इस दोहे में मनुष्य में पाए जाने वाले परोपकार की भाव को प्रकट किया है अथार्थ दूसरों की भलाई करना।

व्याख्या:- रहीम दास जी कहते हैं कि जिस प्रकार वृक्ष अपने फल कभी नहीं खाता सरोवर अपने द्वारा संचित किया गया जल कभी नहीं पीता उसी प्रकार सज्जन और विद्वान लोग अपने द्वारा संग्रह किए गए धन का उपयोग अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों की भलाई में करते है।

शब्दार्थ:- तरुवर  वृक्षनहिं  नहींखात  खानासरवर  सरोवर (तालाब)पियत  पीतेपान  पानीकहि  कहतेपरकाज  दुसरो के लिए कामहित  भलाईसम्पति  धन (दौलत)सचहिं  संग्रह (बचत)सुजान  सज्जन/ज्ञानी।

 

4. थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात ।।4।।

प्रसंग:- प्रेमदास जी इस दौरे के माध्यम से बताना चाहते है कि मनुष्य निर्धन होने के बाद भी पुराने दिनों के ऐश्वर्य की बातें करते रहते है।

व्याख्या:- रहीम दास जी कहते हैं कि जिस प्रकार आश्विन के महीने में जो बादल आते है वो थोथे होते है। वे केवल गरजते है लेकिन बरसते नहीं है उसी प्रकार धनी पुरुष निर्धन होने पर अपने सुख में बिताए हुए दिनों की बातें करता रहता है जिसका वर्तमान में कोई मतलब नहीं होता है। वह अपने सुख में बिताए हुए पलों को याद करते रहते है लेकिन अपनी वर्तमान स्थिति में कोई सुधार नहीं करते है।

शब्दार्थ:- थोथे  खोखले. बादर  बादलक्वार  आश्विन ( सितंबर-अक्टूबर का महीना)ज्यों- जैसेघहरात  गर्जनाधनी  धनवाननिर्धन  गरीबभए  हो जाते हैपाछिली  पिछली (पुरानी)।

 

5. धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।5।।

प्रसंग:- इस दोहे में रहीम दास जी ने मनुष्य के शरीर की तुलना धरती से की है।

व्याख्या:- रहीम दास जी कहते हैं कि जिस प्रकार हमारी धरती सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम को एक समान भाव से जेल लेती है। उसी प्रकार हमारे शरीर में भी वैसे ही क्षमता होनी चाहिए हम जीवन में आने वाले परिवर्तन और सुख-दुख को सहज रूप से स्वीकार कर सकें।

शब्दार्थ:- रीत- ढंगसीत- सर्दी (ठंड)घाम  धुपऔ- औरमेह- बारिशपरे  पड़नासो- सारासहि- सहनात्यों  वैसेदेह- शरीर।

 

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Rahim ke Dohe Class 7 आपको पसंद आये होगे। अगर यह आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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