Difference between Growth and Development in child-Child Devlopment-वृद्धि और विकास में अंतर

 

Difference between Growth and Development in child-वृद्धि और विकास में अंतर

वृद्धि

विकास

वृद्धि एक संकुचित अवधारणा है। इसका संबंध केवल शारीरिक विकास से हैं।

विकास एक व्यापक अवधारणा है। यह शारीरिक, मानसिक, नैतिक, सामाजिक आदि सभी प्रकार के विकास से सम्बंधित है।

वृद्धि का संबंध शरीर के अंगों के भार, लम्बाई एवं ऊंचाई से सम्बंधित हैं।

विकास के अंतर्गत विशेष रूप से शरीर के अंगों में होने वाले परिवर्तन को प्रस्तुत किया जाता है।

वृद्धि निरंतर चलने वाली प्रक्रिया नहीं है।

विकास जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत चलने वाली प्रकिया है। (वृदावस्था को छोड़कर)

वृद्धि का संबंध मात्रात्मक परिवर्तनों से है।

विकास का संबंध मात्रात्मक एवं गुणात्मक दोनों प्रकार से होता हैं।

वृद्धि की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है।

विकास सैदव एक निश्चित दिशा में होता है। (सामान्य से विशिष्ट की ओर)

वृद्धि को प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है तथा इसे मापा जा सकता है।

विकास का स्वरूप आतंरिक होता है। इसे न तो देखा जा सकता है और न ही मापा जा सकता है। (सामाजिक, मानसिक एवं सवेंदनात्मक विकास)

वृद्धि वंशानुक्रम के आधार पर निर्धारित होता है। 

विकास वातावरण के आधार पर निर्धारित होता है।

वृद्धि किसी एक व्यक्ति का किसी एक अंग में परिवर्तन को दर्शाता है।

विकास संपूर्ण परिवर्तनों को दर्शाता है

वृद्धि के साथ विकास हो भी सकता है। एक बालक का भार व मोटापा बढ़ने के साथ यह आवश्यक नहीं है कि वह किसी कार्यात्मक परिष्कार को प्राप्त कर ले।

अभिवृद्धि के बिना विकास हो सकता है। कुछ बालकों के कद भार या आकार मे वृद्धि  ना होने पर भी वह भौतिकसामाजिकभावात्मक या बौद्धिक पहलुओं में विशेष कार्य अनुभव वाले हो सकते हैं।


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