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Sanchay Jal Behtar Kal/Catch the Rain essay in hindi/Jal hai to kal hai/संचय जल बेहतर कल/जल है तो कल है |
संचय जल बेहतर कल (Sanchay Jal Behtar Kal) पर निबंध, Catch the Rain essay in hindi जल है तो कल है (Jal hai to kal hai)
प्रस्तावना:
हम सभी ने बचपन में प्यासा कौवे की कहानी जरूर
पढ़ी होगी। जिसमें एक प्यासा कौवा एक घड़े से दो घूंट पानी
पीने के लिए एक एक पत्थर ढूंढ कर लाता है और घड़े में डालता है। ताकि घड़े के पानी का जलस्तर ऊपर आ सके और उसकी
चोंच पानी तक पहुंच सके। कहने को तो यह कहानी
है लेकिन भविष्य के लिए बहुत बड़ा संदेश देती है। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। जहां की करीब आधी जनसंख्या अपने जीवन-यापन के लिए
कृषि पर निर्भर है।
कृषि वर्षा
पर निर्भर।जिस प्रकार भारत जल संकट से जूझ रहा है, वह दिन
दूर नहीं जब हम भी प्यासे कौवे की तरह संघर्ष करते हुए नजर आएंगे। अगर हम इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो हमें आज इस अमूल्य धरोहर को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
’पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पानी बचाओ’, यह नियम अब हम सभी के लिए प्रमुख आवश्यकता बन गया है। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर रहने के लिए पानी उतना ही आवश्यक है जितनी जरुरी हमारी सांसे। लेकिन सबसे बुरी बात यह है कि दिन पर दिन ताजा पानी कम होता जा रहा है। पानी की कमी के कारण दुनिया में सूखे, विभिन्न बीमारियों, पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई प्राकृतिक संकट पैदा हो रहे हैं, फिर भी दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पानी की बचत के महत्व को नहीं समझ रहा है।
जल है तो कल है (Jal hai to kal hai):
स्वच्छ जल अभी भी भारत के कई दूरदराज के कई क्षेत्रों में मयस्सर
नहीं है। कई महिलाओं को अपने परिवार के लिए दो बाल्टी स्वच्छ पानी पाने के लिए हर दिन किलोमीटर तक चलना पड़ता है। दूसरी तरफ हम में से कई ऐसे हैं जो हर दिन निर्दयतापूर्वक पानी बर्बाद करते हैं। स्वच्छ पेयजल की पहुँच प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए। लेकिन हमें जल बचाने के अपने कर्तव्य से
भी पीछे नहीं हटना चाहिए
महात्मा गांधी जी ने कहा था कि अधिकार एवं
कर्तव्य दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हमें पानी के महत्व को समझना होगा और इसके अभाव से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए कि वे पानी का उपयोग बहुत समझदारी से करें और भविष्य के लिए बचत करें।
संचय जल बेहतर कल (Sanchay Jal Behtar Kal):
सरकार द्वारा पानी की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जल संरक्षण पर विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं। फिर भी देश के कई हिस्से पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक महत्वपूर्ण अभियान “संचय जल बेहतर कल” (Sanchay Jal Behtar Kal) शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से जल की
कमी महसूस कर रहे 255 जिलों के 1593 गांव
में ‘जल संरक्षण’ और ‘रेन वाटर हार्वेस्टिंग’ (Rain Water Harvesting) के लिए देशवासियों को जागरूक करने का अभियान
चलाया जाएगा। जल संरक्षण के महत्व को देखते हुए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय मिलकर इस
अभियान को चलाएंगे। जल संरक्षण के प्रति एक राष्ट्रीय समझ विकसित करने के लिए गैर
सरकारी संगठनों, स्कूली छात्रों, नेहरू
युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा नेशनल कैडेट कोर (NCC) को भी
इस अभियान से जोड़ा जायेगा।
वर्षा के जल का संचय (Catch the Rain):
हमारी नई पीढ़ी को “पृथ्वी बचाओ धरती बचाओ” के सूत्र को समझने की अत्यधिक आवश्यकता है। हम इसे अपने जीवन के हर पल में सहेज सकते हैं। एक छोटा कदम पानी की बचत में सैकड़ों गैलन जोड़ सकता है। जल इस पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए आधार और नींव है। हालाँकि हमें लगता है कि पृथ्वी पर पानी पर्याप्त है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि पानी एक असीम संसाधन नहीं है। अगर हम जल्द ही पानी के संरक्षण के प्रयास नहीं करेंगे तो मीठे पानी की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और हमारे नागरिकों के लिए भी जल संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।
“रेन वाटर
हार्वेस्टिंग” यानी बारिश के पानी को के पानी को जमीन में
पहुंचाने का इंतजाम करना। इसके लिए बारिश के पानी को जगह-जगह पर रोका जाता है। यह
कार्य छोटे-छोटे चेक डैम बना कर भी हो सकता है। पानी धीरे-धीरे जमीन में रिश्ता है
और जमीन में पानी का जलस्तर बढ़ता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों, बावडियों और कुओं की मरम्मत भी एक जरूरी कदम है।
देश भर में तालाबों का महत्व कम होते देख उन्हें पाटकर अवैध कब्जे होते जा रहे
हैं। जहां कल तक तालाब थे,
वहां आज मैरिज हॉल और कॉलोनियां बन चुकी
हैं। ‘संचय जल बेहतर कल’ (Sanchay Jal Behtar Kal) अगर तालाबों और झीलों पर हुए अतिक्रमण पर लगाम
लगा पाया तो यह मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि अब तक कोई
भी सरकार ऐसा नहीं कर पायी है।
पानी को संरक्षित करने के तरीके:
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचाने के लिए अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं:
(1) ब्रश करते समय नल बंद कर दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका उपयोग करें। शावर की बजाय बाल्टी से स्नान करें, इससे बहुत सारा पानी बच सकता है। आपके घर में जो भी पानी का रिसाव है उसे ठीक करें। हाथ धोते समय नल बंद कर दें।
(2) कपड़े धोने में जो पानी आपने इस्तेमाल किया है, उसका दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश करें। साबुन के पानी का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। कार धोने में कम पानी का उपयोग करें। सब्जियों को धोने के लिए कम पानी का उपयोग करें।
(3) लॉन की नली को ज्यादा देर तक न चलने दें। जल निकायों को प्रदूषित न करें। एक पेड़ लगाओ, यह बहुत उपयोगी होगा।
बिजली का संरक्षण करें क्योंकि कई बिजली संयंत्र पनबिजली पर चलते हैं। इसलिए बिजली बचाने से आपको बदले में पानी बचाने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष:
भारत सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में पानी की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और लोगों को समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए और प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए किसी भी प्रकार के अपव्यय से बचना चाहिए।ऐसे में घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए
वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। भगवान की
कृपा से प्रतिवर्ष थोड़ी बहुत वर्षा हर क्षेत्र में होती है ऐसे में उपरोक्त चीजों
का ध्यान और प्रक्रियाओं के माध्यम से हम वर्षा के जल को संरक्षित करके रख सकते
हैं।
संचय जल बेहतर कल (Sanchay Jal Behtar Kal) पर निबंध, Catch the Rain essay in hindi
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