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नरेंद्र मोदी पर निबंध /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध/Essay on Shri Narender Modi in Hindi / Essay on Prime Minister Narender Modi in Hindi / Essay on Modi in Hindi |
भारत के वर्तमान
प्रधानमंत्री : नरेन्द्र मोदी
भूमिका- भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। यहां की जनता ही अपनी सरकार का चुनाव करती
है। वैसे तो संविधान के अनुसार देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का पद होता है, परंतु देश की
प्रशासन व्यवस्था की सारी बागडोर प्रधानमंत्री के हाथों में होती है। इसी कारण
हमारे देश में प्रधानमंत्री का पद सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे देश के
प्रधानमंत्री गरिमा पूर्ण पद की परंपरा 15 अगस्त 1947
को प्रारंभ होती है, जब पंडित जवाहरलाल नेहरू
ने स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। तब से
लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक हमारे देश की बागडोर 14 प्रधानमंत्रियों
के हाथों में रही है।
वर्तमान प्रधानमंत्री- श्री नरेंद्र दामोदरदास
मोदी हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। अप्रैल-मई 2014 में संपन्न हुए लोकसभा के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगी
पार्टियों को मिले पूर्ण बहुमत के आधार पर एनडीए ने सर्वसम्मति से श्री नरेंद्र
मोदी को भारत का नया प्रधानमंत्री चुना। 26 मई 2014 को राष्ट्रपति महामहिम श्री प्रणब मुखर्जी ने उन्हें भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। अपने दूसरे
कार्यकाल में भी मई 2019 के लोकसभा के आम चुनाव में भारतीय
जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को फिर से प्रचंड जीत का बहुमत प्राप्त हुआ तथा
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने श्री नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री पद की
शपथ दिलाई।
जन्म परिवार एवं शिक्षा- अपने बचपन से ही कई तरह
की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करने वाले नरेंद्र दामोदरदास मोदी
का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के
मेहसाणा जिले के बड़नगर कस्बे की घांची समुदाय के एक निर्धन परिवार में हुआ। इनके
पिता श्री दामोदरदास मोदी अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए रेलवे स्टेशन पर एक
छोटी सी चाय की दुकान चलाते थे। बचपन में इन्होंने भी पिताजी की चाय की दुकान पर
हाथ बटाया। उनकी माता श्रीमती हीराबेन भी लोगों के घरों में काम करके अपने परिवार
को चलाने में भरपूर सहयोग देती रही है। श्री नरेंद्र मोदी की प्रारंभिक शिक्षा
बड़नगर में ही हुई। इसी के साथ वे अपने पिता के काम में भी हाथ बढ़ाते रहें। फिर
भाई के साथ मिलकर पहले बस स्टैंड पर चाय की दुकान लगाई और उसके बाद गुजरात रोड
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की स्टाफ कैंटीन में भी काम किया। इस सब के साथ उन्होंने
अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। सन 1980 में उन्होंने गुजरात
विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री पास की।
संघर्षपूर्ण राजनीतिक जीवन- श्री नरेन्द्र मोदी बचपन
से ही संघ की स्थानीय शाखा में नियमित रूप से जाते थे। सन् 1972 में यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बन गए और आरएसएस में अपने
कार्यकाल के दौरान 19 महीने (जून 1975 से
जनवरी 1977) आपातकाल के समय इन्होंने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान भूमिगत
रहते हुए गुप्त तरीके से केंद्र सरकार की फासीवादी नीतियों के खिलाफ जोशीले अंदाज
में जंग छेड़ते हुए लोकतंत्र की भावना को जीवित रखा। 1987 में
भाजपा में प्रवेश कर इन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा और एक वर्ष के
अंदर ही अपने कार्यों की बदौलत गुजरात की पार्टी इकाई के महासचिव बन गए। 1995
में यह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। अक्टूबर 2001 में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री
केशुभाई पटेल की जगह इन राज्य का मुख्यमंत्री पद सौंपा। इससे पहले जनवरी 2001
में आई भूकंप के कारण गुजरात विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा था।
नरेंद्र मोदी ने प्रतिकूल परिस्थितियों को सर्वांगीण विकास के अवसरों में
बदल दिया। भुज शहर इसका ज्वलंत उदाहरण है। हालांकि फरवरी 2002 में ‘गोधरा कांड’ के बाद पूरा राज्य दंगों की आग में झुलस
गया। जिससे मोदी भी अछूते नहीं रह गए। दिसंबर 2002 के
विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में भाजपा की भारी जीत हुई और वे दूसरे कार्यकाल
के लिए मुख्यमंत्री चुने गये। दिसंबर 2007 में तीसरी बार तथा
दिसंबर 2012 में चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
यह राज्य में भाजपा को लगातार पांचवीं जीत थी और मोदी चौथी बार राज्य के
मुख्यमंत्री बने। इतने साल तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद भी उन पर
सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं लगे। मार्च 2013 में
जब उन्हें संसदीय बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया तब वे केंद्रीय भूमिका में आ गए।
गोवा में पार्टी के अधिवेशन के दौरान उन्हें चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई
और उन्हें पार्टी ओर से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया। जिसे उन्होंने
बखूबी निभाया और परिणाम सामने है।
आगे की चुनौतियां- श्री नरेंद्र मोदी भारत के
प्रधानमंत्री पद पर पाँच साल सेवा कर चुके हैं। लेकिन उनका आगे का मार्ग चुनौतियों
से भरा है। आज देश महंगाई, बेरोजगारी,
गरीबी, अशिक्षा, असुरक्षा व कोरोना की महामारी
से जूझ रहा है। देश की जनता में उन्हें जननायक समझकर जिस महत्व पूर्ण पद पर आसीन
किया है, उसे आज जनता को बड़ी भारी उम्मीदें हैं। नरेंद्र
मोदी को अपनी कार्यकुशलता से जनसाधारण की इन उम्मीदों को भी पूरा करना है। अपितु
अपने देश को निकट भविष्य में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करना है।
प्रधानमंत्री की शपथ लेते ही उन्होंने जिस तरह से अपनी विदेश नीति का आगाज किया, हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की पैरवी की है, अपने
सांसदों से भरपूर समय कार्य करने का आग्रह किया है, उसे इन
उम्मीदों को पंख लग गए हैं कि वे हर हाल में देश को एक नई ऊंचाई पर ले कर जाएंगे
और उनके कुशल नेतृत्व में हमारा देश दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति करेगा तथा देश की
सवा सौ करोड़ आबादी के सपने पूरे होंगे।
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