Kavitt class 12 bhawarth & Objective , कवित्त का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ

Kavitt class 12 bhawarth & Objective | कवित्त का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ

कवित्त का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ: इस पोस्‍ट में कक्षा 12 हिंदी पद्य भाग के पाठ पाँच ‘छप्‍पय (Kavitt class 12 bhawarth & Objective)’ के सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे। जिसके लेखक भूषण हैं।

कवित्त का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ | Kavitt class 12 bhawarth & Objective

  1. कवित्त
    कवि – भूषण

लेखक-परिचय
जीवनकाल : (1613-1715)
जन्मस्थान : टिकवापुर, कानपुर, उत्तरप्रदेश
पिता : रत्नाकर त्रिपाठी
उपनाम : कवि भूषण (चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्रसाह द्वारा इन्‍हें ‘कवि भूषण’ की उपाधि‍ प्राप्‍त)
आश्रयदाता : छत्रपति शिवाजी, शिवाजी के पुत्र शाहजी और पन्ना के बुंदेला राजा छत्रसाल
विशेष : रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि चिंतामणि त्रिपाठी और मतिराम भूषण के भाई के भाई के रूप में जाने जाते हैं।
कृतियाँ : शिवराज भूषण, शिवा बावनी, छत्रसाल दशक, भूषण हजारा, भूषण उल्लास, दूषण उल्लास आदि।
यह रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि हैं इनका हिंदी जनता में बहुत सम्मान है। यह एक वीर रस के कवि हैं।

कवित्त (1)
इन्द्र जिमि जंभ पर बाड़व ज्यौं अंभ पर,
रावन सदंभ पर रघुकुल राज है |

प्रस्तुत पंक्तियाँ में कवि भूषण शिवाजी के शौर्य का बखान करते हुएकहते हैं कि शिवाजी का मलेच्छ पर उसी प्रकार राज है जिस प्रकार इंद्र का यम पर, समुन्द्र की अग्नि का पानी पर और राम का दंभ से भरे रावण पर है। इन पंक्तियों में भूषण ने शिवाजी के शौर्य की तुलना इंद्र समुन्द्र, अग्नि और राम के साथ की है।

पौन बारिबाह पर संभु रतिनाह पर,
ज्यौं सहस्रबाहू पर राम द्विज राज है |

प्रस्तत पंक्तियाँ में कवि भूषण शिवाजी के शौर्य का बखान करते हैं कि शिवाजी का मलेच्छ पर उसी प्रकार राज है जिस प्रकार हवाओं का बादल पर भगवान शिव का रति के पति पर (कामदेव पर) और परशुराम का सहस्रबाहु पर है। इन पंक्तियों में भूषण ने शिवाजी के शौर्य की तुलना हवाओं, शिव और परशुराम के साथ की है।

दावा द्रुम-दंड पर चीता मृग-झुंड पर,
भूषन बितुंड पर जैसे मृगराज है |

Kavitt class 12 bhawarth & Objective

प्रस्तत पंक्तियाँ में कवि भूषण शिवाजी के शौर्य का बखान करते हए कहते हैं कि शिवाजी का मलेच्छ पर उसी प्रकार राज है जिस प्रकार जंगल की आग का वृक्ष की डालों पर, चीता का हिरणों के झूंड पर और हाथी पर सिंह का राज है। इन पंक्तियों में भूषण ने शिवाजी के शौर्य की तुलना जंगल की आग, चीता और सिंह के साथ की है।

तेज तम अंस पर कान्ह जिमि कंस पर,
यौ मलेच्छ बंस पर सेर सिवराज है |

प्रस्तुत पंक्तियाँ में कवि भूषण शिवाजी के शौर्य का बखान करते हए कहते हैं कि शिवाजी का मलेच्छ पर उसी प्रकार राज हैं जिस प्रकार उजाले का अंधेरे पर, कृष्ण का कंस पर राज है। इन पंक्तियों में भूषण ने शिवाजी के शौर्य की तुलना उजाले और कृष्ण के साथ की है।

कवित्त (2)
निकसत म्यान ते मयूखैं, प्रलै-भानु कैसी
फारै तम-तोम से गयंदन के जाल को।

प्रस्तुत पंक्तियाँ कविवर भूषण द्वारा रचित ‘कवित्त’ शीर्षक पाठ से अवतरित है जिनमें कवि भूषण ने छत्रसाल की वीरता, धीरता और पौरुष का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि छत्रसाल की तलवार म्यान से इस प्रकार निकलती है जैसे प्रलयंकारी सूर्य से उसकी किरणें निकलती है तथा वह गयंद अर्थात हाथियों के जाल को इस प्रकार तितर-बितर कर देती है जैसे सूर्य की किरणें अंधेरे को।

लागति लपकि कंठ बैरिन के नागिनि सी
रुद्रहि रिझावै दै दै मुंडन की माल को |

प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि भूषण द्वारा रचित कवित्त शीर्षक पाठ से अवतरित है जिनमें कवि भूषण ने छत्रसाल की वीरता, धीरता और पौरुष का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि हे राजन ! आपकी तलवार शत्रुओं के गर्दन से नागिन की तरह लिपट जाती है और रुद्र (शिव) को प्रसन्न करने के लिए उन्हे मुंडो (सिर) की माला अर्पित कर रही है।

लाल छितिपाल छत्रसाल महाबाहु बली,
कहाँ लौं बखान करौ तेरी करवाल को।

प्रस्तुत पंक्तियाँ कविवर भूषण द्वारा रचित ‘कवित्त’ शीर्षक पाठ से अवतरित है जिनमें कवि भूषण ने छत्रसाल की वीरता, धीरता और पौरुष का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि हे बलिष्ठ और विशाल भुजावाले महाराज छत्रसाल ! मैं आपकी तलवार का कहाँ तक बखान करूँ ? आपकी तलवार अत्यंत प्रलयंकारी है जो शत्रुओं के समूह को नष्ट कर रही है।

प्रतिभट कटक कटीले केते काटि काटि
कालिका सी किलकि कलेऊ देति काल को

प्रस्तुत पंक्तियाँ कविवर भूषण द्वारा रचित ‘कवित्त’ शीर्षक पाठ से अवतरित है जिनमें कवि भूषण ने छत्रसाल की वीरता, धीरता और पौरुष का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि हे राजन ! आपकी तलवार अत्यंत प्रलयंकारी है जो शत्रुओं के दल का संहार करती है और ऐसा प्रतीत होता है जैसे काली को प्रसन्न करने के लिए प्रसाद देती हो।

  1. कवित्त : भूषण

प्रश्न 1. ‘भूषण‘ का कब जन्‍म हुआ था?
(क)   1612
(ख)   1613
(ग)   1614
(घ)   1615

उत्तर- (ख)   1613

प्रश्न 2. भूषण के पिता का नाम क्‍या था?
(क)   मधुकर त्रिपाठी
(ख)   श्‍याम तिवारी
(ग)   गणपति झा
(घ)   रत्‍नाकर त्रिपाठी

उत्तर-  (घ)   रत्‍नाकर त्रिपाठी

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प्रश्न 3. ‘भूषण‘ का मृत्‍यु कब हुआ था?
(क)   1713
(ख)   1714
(ग)   1715
(घ)   1716

उत्तर- (घ)   1716

प्रश्न 4. ‘कवित्त‘ शीर्षक पाठ के रचयिता कौन है?
(क)   भूषण
(ख)   बिहारी
(ग)   चिंतामणि त्रिपाठी
(घ)   घनानन्‍द

उत्तर- (क)   भूषण

प्रश्न 5. भूषण की भाषा कौन-सी थी?
(क)   ब्रजभाषा
(ख)   अवधी
(ग)   मागधी
(घ)   छत्तीसगढ़ी

उत्तर- (क)   ब्रजभाषा

प्रश्न 6. भूषण को ‘भूषण‘ की उपाधि किसने दी थी?
(क)   छत्रपति शिवाजी ने
(ख)   महाराज छत्रसाल ने
(ग)   राजा रूद्रशाह ने
(घ)   औरंगजेब ने

उत्तर- (ग)   राजा रूद्रशाह ने

प्रश्न 7. ‘छत्रसाल दशक‘ के रचनाकार हैं-
(क)   तुलसीदास
(ख)   जायसी
(ग)   भूषण
(घ)   नाभादास

उत्तर- (ग)   भूषण

प्रश्न 8. शिवाजी के पुत्र का क्‍या नाम था?
(क)   शेरा जी
(ख)   वीरा जी
(ग)   शाहू जी
(घ)   भानू जी

उत्तर- (ग)   शाहू जी

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प्रश्न 9. भूषण की कृतियाँ कौन-कौन है?
(क)   छत्रपति शिवाजी
(ख)   शिवाजी के पुत्र शाहूजी
(ग)   पन्‍ना के बुंदेला राजा छत्रसाल
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी

प्रश्न 10. भूषण की कृतियाँ कौन-कौन है?
(क)   शिवराज भूषण
(ख)   शिवा बावनी
(ग)   छत्रसाल दशक
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी

प्रश्न 11. भूषण की अप्राप्‍य कृतियाँ कौन-कौन है?
(क)   भूषण हजारा
(ख)   भूषण उल्‍लास
(ग)   दूषण उल्‍लास
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर-  (घ)   उपर्युक्‍त सभी

प्रश्न 12. अपनी कविता में भूषण ने किनका गुणगान किया है?
(क)   महाराणा प्रताप
(ख)   छत्रपति शिवाजी
(ग)   छत्रसाल
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर-(घ)   उपर्युक्‍त सभी

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