राकेश टिकैत जीवन परिचय (संपत्ति) Rakesh Tikait Biography In Hindi [Father, Caste, Family]
राकेश टिकैत जीवन परिचय (संपत्ति) Rakesh
Tikait Biography In Hindi [Father, Caste, Family]
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Rakesh Tikait Biography In Hindi: राकेश टिकैत नाम आज हर किसी की जुबान पर
है, किसान आंदोलन के नेता के रूप में अपने
पिता की तरह परचम लहराने वाले राकेश टिकैत आज भारतीय किसानों की आवाज बनकर दिल्ली
में गूंज रहे है। आज हम इस आर्टिकल में आपको इनके बारें में और इनकी जिंदगी से
जुड़ी कुछ बातों से अवगत करवाएंगे।
राकेश टिकैत वर्तमान मे उत्तरी भारत मे हो रहे किसान आंदोलन की वजह से चर्चाओं
मे है। आज हमारे इस लेख से आपको राकेश टिकैत के बारे मे बतायेंगे जो
वर्तमान मे काफी चर्चाओं मे है।
राकेश टिकैत का जीवन परिचय
(जीवनी)
पूरा नाम (Full Name) |
राकेश टिकैत |
उपनाम
(Nickname) |
ज्ञान
नहीं |
जन्म
दिन (Birth Date) |
4 जून 1969 |
पिता
का नाम |
महेन्द्र सिंह टिकैत |
जन्म
स्थान (Birth Place) |
शिशोली
उत्तर प्रदेश |
उम्र
(Age) |
53 वर्षीय 2021 के अनुसार |
पेशा
(Profession) |
भारतीय
किसान यूनियन के नेता |
राष्ट्रीयता
(Nationality) |
भारतीय |
गृहनगर
(Hometown) |
मुजफ्फरनगर |
धर्म
(Religion) |
हिन्दु |
राकेश
टिकैत जाति (Caste) |
जाट |
वैवाहिक
स्थिति (Marital Status) |
विवाहित |
राशि
(Zodiac Sign) |
तुला |
राकेश
टिकैत संपत्ति (Net Worth) |
4 करोड़ |
एक नजर
राकेश टिकैत पर
राकेश
टिकैत किसानों के हित के लिए संघर्ष करने वाले नेता है, जिन्होंने अपना सर्वोच्च
संघर्ष किसानों के हित के लिए जारी रखा और आगे भी उनका संघर्ष किसानों के लिए
हमेशा रहेगा। किसान होने के नाते राकेश टिकैत किसानों के दर्द को बहुत अच्छे से
समझते हैं। यही कारण था कि 1992 में राकेश टिकैत ने सब
इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ किसानों के हित के लिए काम करने लगे।
1993-94 में लाल किले पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने पद से
त्यागपत्र दे दिया। पिता महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश
टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बना दिया गया, इसका मुख्य कारण था। उनका
परिवार बलियान खाप से संबंध रखता है। उनके परिवार में इस प्रकार की परंपरा है कि पिता
की मृत्यु के बाद बड़ा बेटा ही परिवार का मुखिया रहता है।
राकेश
टिकैत ने इसके बाद किसानों के संघर्ष और शोषण को देखते हुए किसानों के हित के लिए
लड़ने का फैसला कर लिया। इसके बाद राकेश टिकैत विधिवत रूप से राजनीति में सक्रिय
भूमिका निभाने लग गए थे। भारतीय किसान यूनियन संघ में शामिल होने के बाद वे
राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए। उनका संगठन भारतीय किसान यूनियन, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत
में सक्रिय रहने लगा। 2020 में कृषि कानून के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन के
दौरान राकेश टिकैत चर्चा में रहे।
पहला
आंदोलन |
|
ऊचाई |
5’10 feet |
वजन |
तकरीबन 80 किलों |
आंखों का कलर |
काला |
बालों का कलर |
हल्का सफेद व काला |
पत्नि का नाम |
सुनिता देवी |
स्कूल |
डीएवी इंटर कॉलेज, शिशोली गांव, शिशोली |
काॅलेज |
चौधरी चारण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ |
पढाई |
आट्स मे स्नातकोतर |
बच्चे |
2 |
किस वजह से है चर्चाओं मे |
वर्तमान मे भारत मे चल रहे किसान आंदोलन की वजह से |
राकेश टिकैत ने पुलिस की नौकरी छोडी
वर्तमान चर्चाओं मे रहे राकेश
टिकैत उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले हैं।
उन्होने अपनी पढ़ाई मेरठ विश्वविद्यालय से की है, जहां से इन्होंने आर्ट्स मे मास्टर की डिग्री ली और इसके बाद
उन्होने वकालत की पढ़ाई करने के बाद वे वकील बन गए। आपको यह भी बता दें कि साल 1992 में जब राकेश टिकैत
सब-इंस्पेक्टर के रूप में दिल्ली में तैनात थे। तब उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत
के नेतृत्व में उसी जगह पर किसान आंदोलन चलाया जा रहा था।
इस दौरान जब वे पुलिस मे थे तक वहा की सरकार द्वारा राकेश टिकैत
पर दबाव बनाया गया कि वे अपने पिता महेन्द्र सिंह को समझाएं-मनाए कि किसान आंदोलन
को वापिस ले लिया जाए। लेकिन
राकेश टिकैत इस बात से असहमत थे और राकेश ने अपने पिता
को समझाने और किसान आंदोलन को खत्म करने के बजाय उसी समय अपनी पुलिस की नौकरी का
त्याग कर दिया। अपने पिता की ही तरह किसानों के साथ जुड़ गए। उसी
आंदोलन को डंकल प्रस्ताव विरोधी आंदोलन के नाम
से जाना गया था।
राकेश टिकैत
की शादी एवं पत्नी का नाम
अपने इसी उभरते जीवन के दौरान
राकेश टिकैत की शादी सन 1985 में
बागपत जनपद के दादरी गांव की सुनीता देवी से हुई थी। जिनके बाद उनके एक पुत्र चरण
सिंह दो पुत्री सीमा और ज्योति हुए। उनके सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। भारत मे
भारतीय किसान यूनियन की नींव 1987 में
उस समय रखी गई थी, जब
बिजली के दाम को लेकर किसानों ने सर्वप्रथम इस यूनियन के नेतृत्व में शामली जनपद
के करमुखेड़ी में उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन
किया था।
राकेश टिकैत संपत्ति
वर्तमान किसान आंदोलन मे चर्चाओं
मे रहे किसान नेता राकेश टिकैट ने अब तक दो बार चुनाव भी लडा है। राकेश टिकैत ने
बीते साल 2014
लोकसभा चुनाव में जब
आवेदन पत्र के साथ जब शपथ पत्र दायर किया था तो उस शपथ पत्र के अनुसार राकेश टिकैत की संपत्ति की कीमत
तकरीबन 4,25,18,038
थी। वहीं उसी शपथ
पत्र के
अनुसार उनके पास कैश
मे तकरीबन 10
लाख रुपये थे।
वर्तमान सम्पति की बात करे तो इस बात की किसी भी प्रकार की जानकारी नही है कि
वर्तमान मे उनकी सम्पति कितनी है।
राकेश टिकैत की किसान आन्दोलन में भूमिका
वर्तमान मे किसान नेता राकेश
टिकैट किसान आंदोलन मे बढ चढ कर हिस्सा ले रहे है। वर्तमान मे राकेश टिकैट जो की
किसान नेता है,
वे इस आंदोलन मे अपनी
भूमिका निभा रहे है। राकेश टिकैट के बारे मे अलग – अलग लोगो के अलग – अलग
मत है परन्तु आपको बता दे की वर्तमान मे राकेश टिकैट 26 जनवरी 2021 की हिंसा के बाद राकेश टिकैट
काफी चर्चाओं मे है। हालांकि आपको बता दे की राकेश टिकैट भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता
है।
राजनीतिक गतिविधियां
राकेश टिकैत 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें 9000 से अधिक वोट
मिले। 2018 में टिकैत ने
हरिद्वार उत्तराखंड से दिल्ली तक किसान क्रांति यात्रा का नेतृत्व किया। नवंबर 2020 में उनका संगठन
भारतीय किसान यूनियन संघ में शामिल हो गया। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के काले कानून का
जोरदार विरोध किया जो अब तक भी जारी है।
राकेश टिकैत के बेबाक बयान
·
किसान आन्दोलन के दौरान राकेश टिकैट द्वारा मंदिरों और
ब्राह्मणों पर
टिप्पणी की गई थी जो कि
अशौभनीय थी।
·
देश का किसान सीने पर गोली खाएगा पर पीछे नहीं हटेगा।
·
तीनों कृषि कानून अगर वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या
कर लूंगा। मैं किसी भी हालत में धरना स्थल नहीं छोडूंगा।
राकेश टिकट
और भारतीय किसान यूनियन
राकेश
टिकट मुख्यतः किसान परिवार से ही संबंध रखते हैं। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत ने
लगातार 25 वर्षों भारतीय किसान यूनियन संघ के अध्यक्ष रहे तथा किसानों का नेतृत्व
किया। महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश टिकैत को भारतीय किसान
यूनियन का अध्यक्ष बना दिया गया।
बाद
में राकेश टिकैत भी सक्रिय रूप से यूनियन संघ के लिए काम करने लगे तथा राष्ट्रीय
प्रवक्ता पद पर भी पहुंच गए। कृषि कानून के विरोध में उनका संगठन लगातार सरकार पर
हमला बोलते आया है और आगे भी उनका संगठन किसान हित के लिए लड़ता रहेगा। संगठन पर
कई प्रकार के सवालियां निशान भी उठे, कई बार उन्हें बिकाऊ भी कहा
गया। इन तमाम विवादों के बावजूद भी उनका संगठन और आगे बढ़ता गया। राकेश टिकैत का
भी राजनीतिक कद बढ़ता गया।
FAQ
राकेश
टिकैत के पिता का क्या नाम था?
राकेश टिकैत के पिता का नाम महेंद्र सिंह टिकैत था।
राकेश
टिकैत का जन्म कब हुआ?
राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को मुज्जफरनगर, उत्तरप्रदेश, भारत में हुआ।
किसान
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है?
महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश
टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बना दिया गया।
निष्कर्ष
राकेश टिकैत किसान नेता के नाम से आज पुरे भारत में एक गहरी पहचान बना चुके है। हमने उनके जीवन से जुड़ी कुछ जानकारियां आपके साथ साझा की हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें जरुर बताएं। जानकारी अच्छी लगी है तो इस आर्टिकल को शेयर जरुर करें। ऐसी ही अच्छी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट हिंदीगुरुजी.कॉम को बुकमार्क जरुर करें।
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