Pahalwan Sushil Kumar Jivan Parichay/Sushil Kumar biography/पहलवान सुशील कुमार जीवन परिचय

पहलवान सुशील कुमार जीवन परिचय

हमारे देश भारत में कुछ नाम ऐसे हैं, जिन्हें पहचान की जरुरत नहीं हैं, खेल के क्षेत्र में महारत रखने वाले पिछले दशकों में पहलवानी के क्षेत्र में दारा सिंह  का नाम बहुत फेमस था परंतु यदि वर्तमान संदर्भ में बात की जाये तो नाम आता हैं तो इस क्षेत्र में नाम आता हैं -: सुशील कुमार  का

सुशील कुमार का पूरा नाम सुशील कुमार सोलंकी हैं उनका जन्म 26 मई, सन 1983 को हुआ वे एक जाट परिवार से संबंध रखते हैं वे साउथ वेस्ट दिल्ली में नजफगढ़ के पास बापरोला गाँव के निवासी हैं  सुशील के पिता दीवान सिंह, जो कि MTNL दिल्ली में ड्राइवर हैं और माता कमला देवी गृहिणी हैं सुशील के परिवार में ही उनके पिता और उनके कजिन संदीप रेसलर रह चुके हैं और उन्हें देखकर ही वे अपने रेसलिंग करियर के प्रति जागरूक हुए और इस ओर उनका रुझान बढ़ा परन्तु बाद में उनके कजिन संदीप ने रेसलिंग छोड़ दी थी क्योंकि परिवार वित्तीय स्तर पर एक ही रेसलर को सपोर्ट कर सकता था

सुशील ने मात्र 14 वर्ष की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानी रेसलिंग सीखी, यह उन्होंने अखाड़े में सीखी थी इस समय उन्होंने कम वित्तीय सहायता में और सामान्य ट्रेनिंग फैसिलिटी में भी अपना कौशल बढ़ाया वे एक फ्री स्टाइल रेसलर बने इस दौरान उनके परिवार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि उनके खानपान में किसी भी प्रकार की कमी न हो और उन्हें पूर्ण पोषण मिले सुशील पूर्णतः शाकाहारी हैं, वे पोषण के लिए किसी भी प्रकार के मांसाहार को ग्रहण नहीं करते उन्होंने अपने अब तक के करियर में अनेकों प्रतियोगिताएं जीती और देश के नाम कई मैडल कराकर हमें गौरवान्वित किया हैं वर्तमान में सुशील भारतीय रेल्वे में असिस्टेंट कमर्शियल मेनेजेरिअल के पद पर कार्यरत हैं

सुशील कुमार ने 66 किलो ग्राम वेट डिविजन [66 Kg Weight Division] में 2010 वर्ल्ड टाइटल जीता था उसके बाद सुशील ने सन 2012 के लंदन ओलंपिक्स में सिल्वर मैडल और सन 2008 में बीजिंग ओलम्पिक्स ब्रोंज मैडल अपने नाम कराया इन दो खिताबों के बाद वे पहले ऐसे भारतीय व्यक्ति बन गये हैं, जिन्होंने 2 इंडिविजुअल ओलिंपिक मैडल जीते हैं अपने उतम खेल प्रदर्शन के लिए सुशील कुमार को जुलाई, 2009 में राजीव गाँधी खेल रत्न से नवाज़ा गया हैं, जो कि भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान [India’s Highest Honour for Sportspersons] हैं सन 2014 में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में 74 Kg डिविजन में सुशील ने गोल्ड मैडल जीता हैं

सुशील कुमार : करियर [Sushil Kumar : Career]

सुशील कुमार ने अपने ‘पहलवानी करियर’ की शुरुआत छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े से मात्र 14 वर्ष की छोटी आयु से ही कर दी थी इस दौरान उनके विभिन्न कोच रहे इस अखाड़े में उन्होंने यशवीर और रामफल से और बाद में अर्जुन अवार्ड विनर सतपाल से पहलवानी के दांव पेच सीखे इसके बाद इंडियन रेल्वे में उन्होंने ज्ञान सिंह और राजकुमार बैसला गुर्जर से ट्रेनिंग ली

फ्री स्टाइल रेसलिंग में शुरुआत करने पर उनकी पहली सफलता उन्हें सन 1998 में मिली, जब उन्होंने वर्ल्ड कैडेट गेम्स में उनकी वेट केटेगरी में गोल्ड मैडल जीता

सन 2000 में आयोजित एशियन जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मैडल जीता था

सन 2003 में सुशील को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रोंज मैडल और कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल मिला था इसी वर्ष हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने चौथा [4th] स्थान प्राप्त किया था

सन 2004 में एथेंस में आयोजित ओलिंपिक गेम्स में 60 कि ग्रा वेट क्लास [60 Kg Weight Class] में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा इस प्रतियोगिता में उन्होंने 14वाँ स्थान प्राप्त किया था

सन 2005 और सन 2007 में सुशील ने फिर से हमारे देश भारत का नाम विश्व में ऊँचा किया और इन दोनों ही सालों में आयोजित कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीता था सन 2007 की कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए उन्हें 7वाँ स्थान दिया गया था

सन 2006में सुशील को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था

सन 2008 में बीजिंग में आयोजित ओलिंपिक गेम्स में 20 अगस्त, सन 2008 को सुशील ने Leonid Spiridonov को 3:1 से हराकर ब्रोंज मैडल जीता था

सन 2010 में मोस्को में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में सुशील ऐसे पहले भारतीय बने, जिसने रेसलिंग में वर्ल्ड टाइटल जीता था इसी वर्ष दिल्ली में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स में 10 अक्टूबर, सन 2010 को 66 Kg फ्री स्टाइल रेसलिंग केटेगरी में सुशील ने Heinrich Barnes को 7 : 0 से हराकर गोल्ड मैडल अपने नाम करा लिया था

सन 2011 में अपने उत्तम खेल प्रदर्शन के लिए सुशील कुमार को भारतीय सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था

सन 2012 के समर ओलंपिक्स में सुशील ने सिल्वर मैडल जीता और इसे जीतकर वे ऐसे पहले भारतीय बन गये, जिन्होंने भारत के लिए 2 इंडिपेंडेन्ट ओलंपिक मेडल्स जीते थे 2012 लंदन ओलंपिक्स में सुशील ओपनिंग सेरेमनी में भारत की ओर से ओलिंपिक फ्लैग बेयरर [Olympic Flag Bearer] थे

सन 2014 में ग्लासग्लो, स्कॉटलैंड में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स में सुशील ने 74 Kg फाइनल में कमर अब्बास को हराकर गोल्ड मैडल जीता था

ओलिंपिक मेडिलिस्ट सुशील कुमार

सुशील कुमार एक भारतीय पहलवान है जो कि ओलिंपिक में 2 बार पदक जीत चुके हैं इतने बड़े पहलवान (रेसलर) होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है दरअसल कुछ दिन पहले दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 2 पहवान गुटों के बीच में किसी बात को लेकर झड़प शुरू हुई जिसके बाद दोनों गुटों में काफी मारपीट भी हुई इस झड़प के दौरान 23 साल के पूर्व जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन की मृत्यु हो गई कहा जा रहा है कि इस झड़प के मुख्य आरोपी ओलिंपिक मेडिलिस्ट रह चुके सुशील कुमार शामिल थे और उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में केस दर्ज हुआ है

सुशील कुमार की गिरफ्तारी

सुशील कुमार जो कि लंबे समय से फरार थे हाल ही में दिल्ली पुलिस ने इन्हें मुंडका जगह से इनके दोस्त अजय कुमार के साथ गिरफ्त में ले लिया है। वे दोनों मुंडका इलाके में कार छोड़ कर स्कूटी से कहीं जा रहे थे आपको बता दें कि 4 मई 2021 को सुशील कुमार के ऊपर सागर हत्याकांड के एग्जाम लगे थे जिसके बाद वे दोनों फरार थे अजर पर पुलिस ने 50 हजार रूपये का ईनाम रखा था वह आज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं।

 

सुशील कुमार को मिले पुरस्कार, इनाम और सम्मान [Award, Reward and Recognitions of Sushil Kumar] -:

सन 2005 में अर्जुन अवार्ड,

राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड [जॉइंट] भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान,

सन 2011 में पद्म श्री [सन 2008 में बीजिंग ओलंपिक्स में ब्रोंज मैडल जितने के लिए]