सिल्वर वैडिंग कक्षा 12 – मनोहर श्याम जोशी/Silver Wedding class 12 NCERT Solutions

Silver Wedding class 12 NCERT Solutions


    सिल्वर वैडिंग – मनोहर श्याम जोशी     


    सिल्वर वैडिंग पाठ का सार


    पाठ का सार-सिल्वर वेडिंग’ कहानी की रचना मनोहर श्याम जोशी ने की है। इस पाठ के माध्यम से पीढ़ी के अंतराल का मार्मिक चित्रण किया गया है। आधुनिकता के दौर में, यशोधर बाबूपरंपरागत मूल्यों को हर हाल में जीवित रखना चाहते हैं। उनका उसूलपसंद होना दफ्तर एवम घर के लोगों के लिए सरदर्द बन गया था । यशोधर बाबू को दिल्ली में अपने पाँव जमाने में किशनदा ने मदद की थी, अतः वे उनके आदर्श बन गए। दफ्तर में विवाह की पच्चीसवीं सालगिरह के दिन ,दफ्तर के कर्मचारी, मेनन और चड्ढा उनसे जलपान के लिए पैसे माँगते हैं । जो वे बड़े अनमने ढंग से देते हैं क्योंकि उन्हें फिजूलखर्ची पसंद नहीं ।यशोधर बाबू के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा भूषण, विज्ञापन कम्पनी में काम करता है। दूसरा बेटा आई. ए. एस. की तैयारी कर रहा है और तीसरा छात्रवृति के साथ अमेरिका जा चुका है। बेटी भी डाक्टरी की पढ़ाईं के लिए अमेरिका जाना चाहती है, वह विवाह हेतु किसी भी वर को पसंद नहीं करती। यशोधर बाबूबच्चों की तरक्की से खुश हैं किंतु परंपरागत संस्कारों के कारण वे दुविधा में हैं। उनकी पत्नी ने स्वयं को बच्चों की सोच के साथ ढाल लिया है। आधुनिक न होते हुए भी, बच्चों के ज़ोर देने पर वे अधिक माडर्न  बन गई है।

    बच्चे घर पर सिल्वर वेडिंग की पार्टी रखते हैं, जो यशोधर बाबू के उसूलों के खिलाफ था। उनका बेटा उन्हें ड्रेसिंग गाउन भेंट करता है तथा सुबह दूध लेने जाते समय उसे ही पहन कर जाने को कहता है, जो उन्हें अच्छा नहीं लगता। बेटे का ज़रूरत से ज़्यादा तनख्वाह पाना, तनख्वाह की रकम स्वयं खर्च करना, उनसे किसी भी बात पर सलाह न माँगना और दूध लाने का जिम्मा स्वयं न लेकर उन्हें  ड्रेसिंग गाउन पहनकर दूध लेने जाने की बात कहना जैसी बातें, यशोधर बाबू को बुरी लगती है। जीवन के इस मोड़ पर वे स्वयं को अपने उसूलों के साथ अकेले पाते हैं 

    सिल्वर वैडिंग पाठ के अभ्यास के प्रश्न (Silver Wedding class 12 NCERT Solutions)


    प्रश्न 1. अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे उन बदलावों के बारे में लिखें जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा न लगने के क्या कारण हो सकते हैं ?

    उत्तरः  आधुनिक युग परिवर्तनशील एवं अधिक सुविधाजनक है। आज के युवा,आधुनिकता और परिवर्तनशीलता को महत्त्व देते हैं इसीलिए वे नई तकनीक और फैशन की ओर आकर्षित होते हैं। वे तत्काल नयी जानकारियाँ चाहते हैंजिसके लिए उनके पास कम्प्यूटरइन्टरनेट एवं मोबाइल जैसे आधुनिक तकनीकी साधन हैं। इनके माध्यम से वे कम समय में ज्यादा  जानकारी एकत्र कर लेते हैं। घर से विद्यालय जाने के लिए अब उनके पास बढ़िया साईकिलें  एवं मोटर साईकिलें हैं। आज युवा लड़के और लड़कियों के बीच का अन्तराल काफी कम हो गया है। पुराने जमाने में लड़कियाँ-लड़कों के साथ पढ़ना और मिलना-जुलना ठीक नहीं माना जाता था जैसे आज के परिवेश में है। युवा लड़कों और लड़कियों द्वारा अंग प्रदर्शन आज आम बात हो गई है। वे एक साथ देर रात तक पार्टियाँ करते हैं। इन्टरनेट के माध्यम से  असभ्य जानकारियाँ प्राप्त करते हैं। ये सारी बातें उन्हें आधुनिक एवं सुविधाजनक लगती हैं।

    दूसरी ओर इस तरह की आधुनिकताबुज़र्गों को रास नहीं आतीक्योंकि जब वे युवा थे,उस समय संचार के साधनों की कमी थी। पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण वे युवावस्थामें अपनी भावनाओं को काबू में रखते थे और अधिक जिम्मेदार होते थे। अपने से बड़ों का आदर करते थे और परंपराओं के अनुसार चलते थे। आधुनिक परिवेश के युवा बड़े-बूढ़ों के साथ बहुत कम समय व्यतीत करते हैं इसलिए सोच एवं दृष्टिकोण में अधिक अन्तर आ गया है। इसी अन्तर को ‘पीढ़ी का अन्तर’ कहते हैं। युवा पीढ़ी की यही नई सोच बुजुर्गों को अच्छी नहीं लगती।

    प्रश्न 2. यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है,लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं,ऐसा क्यों ?

    उत्तरः यशोधर बाबू अपने आदर्श किशनदा से अधिक प्रभावित हैं और आधुनिक परिवेश में बदलते हुए जीवन-मूल्यों और संस्कारों के विरूद्ध हैं। जबकि उनकी पत्नीअपने बच्चों के साथ खड़ी दिखाई देती हैं। वह अपने बच्चों के आधुनिक दृष्टिकोण से प्रभावित हैं। इसलिए यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ परिवर्तित होती हैलेकिन यशोधर बाबू अभी भी किशनदा के संस्कारों और परंपराओं से चिपके हुए हैं।

    प्रश्न 3. ’सिल्वर वैडिंगकहानी के आधार पर पीढ़ी के अंतराल से होने वाले पारिवारिक अलगाव पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

    उत्तरः  सांस्कृतिक संरक्षण के लिए स्वस्थ परंपराओं की सुरक्षा आवश्यक हैकिंतु बदलते समय और परिवेश से सामंजस्य की भी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिएअन्यथा सिल्वर वैडिंग के पात्रों की तरह बिखराव होने लगता है।

    प्रश्न 4. ’सिल्वर वैंडिगकहानी को ध्यान में रखते हुए परंपराओं और सांस्कृतिक संरक्षकों की वर्तमान में उपादेयता पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

    उत्तरः परंपराओं और संस्कृति से ही किसी देश की पहचान कायम रहती है। सादगी से जीकर गृहस्थी को बचाया जा सकता है। यदि ऐसा न होता तो शायद यशोधर बाबू की संतानें पढ़-लिखकर योग्य न बनतीं ।

    प्रश्न 5.“सिल्वर वैडिंगके कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्ति हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है।इस कथन के पक्ष-विपक्ष में तर्क दीजिए।

    उत्तरः- पक्षः   नयी पीढ़ी के युवा उनकी सादगी और व्यक्तित्व के कुछेक प्रेरक पहलुओं को लेकर  सफल व संस्कारी नागरिक बन सकते हैं अन्यथा वे अपनी पहचान खो बैठेंगे।       
    विपक्षःपुरानी रूढ़ियों को छोड़कर ही नए समाज व नई पीढ़ी के साथ सामंजस्य बिठाया जा सकता हैअन्यथा विलगाव सुनिश्चित है।

    प्रश्न: 6. सिल्वर वैडिंग कहानी की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए।

    उत्तरः - संकेत-बिंदु-पीढ़ी के अन्तराल से पैदा हुई बिखराव की पीड़ा।

    प्रश्न 7. किशनदा की कौन-सी छवि यशोधर बाबू के मन में बसी हुई थी?
    संकेत बिन्दु-
    1.उनकी दफ्तर में विभिन्न रूपों की छवि,
     2.सैर पर निकलने वाली छवि,
     3. एक आदर्शवादी व्यक्ति के रूप में ,
     4. परोपकारी व्यक्ति ।

    प्रश्न 8.‘सिल्वर वैडिंगकहानी का प्रमुख पात्र बार-बार किशनदा को क्यों याद करता हैइसे आप क्या मानते हैं उसकी सामर्थ्य या कमजोरीऔर क्यों ?

    उत्तरः  सामर्थ्य मानते हैंवे उनके प्रेरक थेउनसे अलग अपने को सोचना भी यशोधर बाबू के लिए मुश्किल था। जीवन का प्रेरणा-स्रोत तो सदा शक्ति एवं सामर्थ्यका सर्जक होता है।

    प्रश्न-9. पाठ में ‘जो हुआ होगा’ वाक्य की कितनी अर्थ छवियाँ आप खोज सकते हैं?

    उत्तरः यशोधर बाबू यही विचार करते हैं कि जिनके बाल-बच्चे ही नहीं होते,वे व्यक्ति अकेलेपन के कारण स्वस्थ दिखने के बाद भी बीमार-से हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। जिसप्रकार यशोधर बाबू अपने आपको परिवार से कटा और अकेला पाते हैं उसीप्रकार अकेलेपन से ग्रस्त होकर उनकी मृत्यु हुई होगी। यह भी कारण हो सकता है कि उनकी बिरादरी से घोर उपेक्षा मिली, इस कारण वे सूख-सूख कर मर गए । किशनदा की मृत्यु के सही कारणों का पता नहीं चल सका। बस यशोधर बाबू यही सोचते रह गए कि किशनदा की मृत्यु कैसे हुई?जिसका उत्तर किसी के पास नहीं था।

    प्रश्न 10.  .वर्तमान समय में परिवार की संरचना,स्वरूप से जुड़े आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामंजस्य बिठा पाते हैं ?

    उत्तरः यशोधर बाबू और उनके बच्चों की सोच में पीढ़ीजन्य अंतराल आ गया है। यशोधर संस्कारों से जुड़ना चाहते हैं और संयुक्त परिवार की संवेदनाओं को अनुभव करते हैं जबकि उनके बच्चे अपने आप में जीना चाहते हैं। अतः जरूरत इस बात की है कि यशोधर बाबू को अपने बच्चों की सकारात्मक नई सोच का स्वागत करना चाहिए,परन्तु यह भी अनिवार्य है कि आधुनिक पीढ़ी के  युवा भी वर्तमान बेतुके संस्कार और जीवन मूल्यों के प्रति आकर्षित न हों तथा पुरानी पीढी़ की अच्छाइयों को ग्रहण करें। यह शुरूआत दोनों तरफ से होनी चाहिए ताकि एक नए एवं  संस्कारी समाज की स्थापना की जा सके।

    प्रश्न 11 .  यशोधर बाबू के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।

    उत्तरः1कर्मठ एवं परिश्रमी –सेक्शन ऑफिसर होने के बावजूद दफ्तर में देर तक काम करते थे । वे अन्य कर्मचारियों से अधिक कार्य करते थे । 

    2. संवेदनशील- यशोधर बाबू अत्यधिक संवेदनशील थे । वे यह बात स्वीकार नहीं कर  पाते कि उनका बेटा उनकी इजाजत लिए बिना ही घर का सोफा सेट आदि खरीद लाता है, उनका साईकिल से दफ्तर जाने पर ऐतराज करता है, उन्हें दूध लेने जाने में असुविधा न हो इसलिए ड्रेसिंग गाउन भेंट करता है। पत्नी उनकी बात न मानकर बच्चों के कहे अनुसार चलती है। बेटी विवाह के बंधन में बंधने से इंकार करती है और उसके वस्त्रों में शालीनता नहीं झलकती । परिवारवालों से तालमेल न बैठने के कारण वे अपना अधिकतर समय घर से बाहर मंदिर में तथा सब्जीमंडी में सब्ज़ी खरीदते बिताते हैं ।

    3. परंपरावादी-  वे परंपरावादी थे ।आधुनिक समाज में बदलते समीकरणों को स्वीकार करने को तैयार   नहीं थे इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों से उनका तालमेल नहीं बैठ पा रहा था ।

    4. धार्मिक व्यक्ति-यशोधर बाबू एक धार्मिक व्यक्ति  थे। वे अपना अधिकतर समय पूजा-पाठ और मंदिर में बिताते थे ।

    प्रश्न 12 . यशोधर बाबू जैसे लोग समय के साथ ढ़लने में असफल क्यों होते हैं?

    उत्तरः ऐसे लोग साधारणतया किसी न किसी से प्रभावित होते हैंजैसे यशोधर बाबू किशन दा से। ये परंपरागत ढर्रे पर चलना पसन्द करते हैं तथा बदलाव  पसन्द नहीं करते। अतः समय के साथ ढ़लने में असफल होते हैं।

    प्रश्न 13 . भरे-पूरे परिवार में यशोधर बाबू स्वयं को अधूरा-सा क्यों अनुभव करते हैं?

    उत्तरः संकेत बिन्दु - अपने प्राचीन दायरे से बाहर न निकल सकने के कारण वे स्वयं को अधूरा अनुभव करते हैं।

    प्रश्न 14.  ‘‘अभी तुम्हारे अब्बा की इतनी साख है कि सौ रुपए उधार ले सकें।’’ किन परिस्थितियों में यशोधर बाबू को यह कहना पड़ा?

    उत्तरः संकेत बिन्दु- पुत्र द्वारा उनके निकट संबंधी की आर्थिक सहायता के लिए मनाही से आहत होकर ऐसा कहना पड़ा।

    प्रश्न 15.  ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के तथ्य का विश्लेषण कीजिए।

    उत्तरः  संकेत बिन्दु - पीढ़ी के अंतराल को उजागर करवर्तमान समाज की इस प्रकार की सच्चाई से पर्दा उठाया गया है।

    प्रश्न 16 .अपने बच्चों की तरक्की से खुश होने के बाद भी यशोधर बाबू क्यामहसूस करते हैं?

    सिल्वर वैडिंग पाठ के अभ्यास के प्रश्न (Silver Wedding class 12 NCERT Solutions)


    उत्तरः उनके बच्चे गरीब रिश्तेदारों के प्रति उपेक्षा का भाव रखते हैं। उनकी यह खुशहाली अपनों के बीच परायापन पैदा कर रही हैजो उन्हें अच्छा नहीं लगता।

    प्रश्न 17 .आजकल किशनदा जैसी जीवन-शैली अपनाने वाले बहुत कम लोग मिलते हैंक्यों ?

    उत्तर: किशन दा जैसे लोग मस्ती से जीते हैंनिःस्वार्थ दूसरों की सहायता  करते हैंजबकि आजकल सभी सहायता के बदले कुछ न कुछ पाने की आशा रखते हैंबिना कुछ पाने की आशा रखे सहायता करने वाले बिरले ही होते हैं ।    

    प्रश्न 18 . यशोधर बाबू के बच्चों की कौन-सी बातें प्रशंसनीय हैं और कौन-सा पक्ष आपत्तिजनक है?

    उत्तर- प्रशंसनीय बातें- 1) महत्वाकांक्षी और प्रगतिशील होना ।  2)जीवन में उन्नति करना।
    3)समय और सामर्थ्य के अनुसार घर में आधुनिक सुविधाएँ जुटाना ।
    आपत्तिजनक बातें - 1) व्यवहार, 2) पिता, रिश्तेदारों, धर्म और समाज के प्रति नकारात्मक भाव , 3) मानवीय सम्बन्धों की गरिमा और संस्कारों में रूचि न लेना ।

    प्रश्न 19.आपकी दृष्टि में(पाठ से अलग) सिल्वर वैडिंग मनाने के और कौन से तरीके हो सकते हैं जो यशोधर बाबू को अच्छे लगते?

    उत्तरः  मंदिर जाकर,परिवार के साथ कहीं घूमने जाकर,पुत्र-पुत्रियों द्वारा माता-पिता को उपहार देकर आदि।

    प्रश्न 20.  सिल्वर वैडिंग में चटाई का लहँगा किसे कहा गया है?

    उत्तरः यह एक प्रतीकात्मक प्रयोग है जिसे यशोधर बाबू अपनी पत्नी के लिए प्रयोग करते हैं। उनकी पत्नी पुरानी परंपराओं को छोड़ आधुनिकता में ढ़ल गई हैस्वयं को मॉडर्न समझती हैइसलिए यशोधर बाबू ने उन्हें यह नाम दिया है। वे उन्हें ‘शानयल बुढ़िया’ तथा ‘बूढ़ी मुँह मुहाँसेलोग करें तमासे’ कह कर भी चिढ़ाते हैं।

    प्रश्न 21यशोधर बाबू परिवार के बावजूद स्वयं को अधूरा क्यों मानते हैं?

    उत्तर -  यशोधर बाबू पुरानी परंपराओं को माननेवाले हैंजबकि उनका सारा परिवार आधुनिक विचारधारा  का  है। पीढ़ीगत अंतराल के कारण परिवार के साथ ताल-मेल न बिठा पाने के कारण वे स्वयं को अधूरा  समझते हैं।